हरियाणा

गुरुग्राम निगम के SDO संजोग शर्मा को सुबह ट्राफी, शाम को निलम्बित

Gurugram Corporation SDO Sanjog Sharma trophy suspended in the morning and evening

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज : गुरुग्राम नगर निगम में जब से नव नियुक्त आयुक्त नरहरी सिंह बांगड़ आईएएस ने पदभार संभाला है तभी से एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं, जिससे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उनके आने के बाद जहां कई कर्मचारियों और अधिकारियों पर शोकाज नोटिस की गाज गिरी है, वहीं निलंबन के भी आदेश सरकार से आ रहे हैं। अभी हाल ही में एक भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे एसडीओ के निलंबित होने के आदेश आए हैं। जिससे निगम में बैठे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व के शुभ अवसर पर गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता ने ध्वजारोहण किया था। वहीं सबसे सुंदर झांकी पर नगर निगम को प्रथम स्थान मिला था। जिसकी ट्रॉफी भी निगम कमिश्नर बांगड़, एक्सईएन मनोज,विक्की, एसडीओ संजोग शर्मा ने बड़ी ही समानता पूर्वक मंत्री महोदय के हाथों से प्राप्त की थी। जिसमें सभी निगम अधिकारियों ने खुशी जाहिर की थी। जिसकी फोटो सहित शहर वासियों ने मंत्री महोदय को एक्स पर कुछ संदेश लिखकर भेजें थे। जिसपर मंत्री महोदय ने जहां संज्ञान लिया वहीं संविधान दिवस पर संविधान को मानते हुए कार्रवाई के आदेश भी जारी करवाने के भी संकेत नजर आते हैं।

बता दें कि मामला यह है कि जहां गणतंत्र दिवस पर सुबह एसडीओ संजोग शर्मा ट्रॉफी लेते हुए फूले नहीं समा रहे थे। वहीं शाम को ही हरियाणा सरकार के युएलबी विभाग के विकास गुप्ता की तरफ से निलंबन आदेश जारी किए गए हैं। जिसकी प्रति निगम कमिश्नर के पास भी भेजी गई है। निलंबन के समय उनका मुख्यालय पंचकूला होगा। इस आदेश से उनकी सुबह की खुशी गम में तब्दील हो गई। शहर में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि एसडीओ संजोग शर्मा ने निगम वार्ड 3 के गांव मोलाहेडा में भ्रष्टाचार के कारण कई दफा कोहराम मचाया और जेसीबी व पुलिस बल का दबाव बनाकर अवैध रूप से नरेन्द्र यादव वगैरह के घर पर तोड़फोड़ की थी उनके निजी जमीन में घुस कर वहीं दबंग गंगाराम, पार्षद रविंद्र एक विधायक व ओएसडी के दबाव में आकर एसडीएम रविंद्र यादव के आदेश का बहाना लगाकर सोनू शर्मा के मकान पर जाकर कोहराम मचाया था। जिसकी शिकायत भी प्रदेश के मुख्यमंत्री राज्यपाल महोदय, उपायुक्त व निगम कमिश्नर सहित आल्हा अधिकारियों को भेजी गई थी।

गुड़गांव के एडीसी हितेश मीणा ने भी की थी। जिसमें एसडीओ संजोग शर्मा यह बयान देकर आए थे कि मैं वहां कोई तोड़फोड़ नहीं की सोनू शर्मा ने हाई कोर्ट के आदेश व नकशे की कॉपी देखकर पुलिस फोर्स वापस लेकर दफ्तर आ गया था। जबकि उन्होंने मौखिक तौर पर एडीसी के सामने कहा था कि वहां पर ग्रामीणो ने मेरे पर काफी दबाव बना रहे थे कि मकान को तोड़ो नहीं तो हम अपने परिवार के लोगों को बुलाकर मकान को तोड़ेंगे। तभी से इस मामले में कार्रवाई चल रही थी। वहीं एसडीओ संजोग ने गांव मोलाहेडा में उसी समय निर्माण नाहर सिंह, कंवरपाल, भीम सिंह के चल रहें थे। वहा पर सुविधा शुल्क के चलते आज तक भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। वहीं नोबल एनक्लेव और मारुति गेट के सामने भी कई अवैध निर्माण की शिकायत पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

वहीं निगम सूत्र से यह भी जानकारी मिली है कि निलंबित एसडीओ वर्ष 2020 में भी तत्कालीन पार्षद आरएस राठी की शिकायत पर भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित हो चुके हैं। लोगों में या चर्चा थी कि ऐसे भ्रष्टाचारी और लापरवाह कर्मचारियों को तो नौकरी से ही बर्खास्त कर देना चाहिए। तभी तभी भ्रष्टाचारीयो पर नकेल डल सकती है।

जब एसडीओ के निलंबन के आदेश की पुष्टि के लिए निगम के एडिशनल कमिश्नर सुमित कुमार से बात की तो उनका कहना था कि सुना है,मगर छुट्टी होने के वजह से आदेश नहीं देख पाए हैं। उनको किस वजह से निलंबित किया गया है इसके बारे में भी कुछ नहीं कह सकते हैं।

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